श्वान का टीकाकरण
श्वान मनुष्य का सबसे विश्वशनीय मित्र होता हैI आज के परिवेश में श्वान पालन बहुत तेजी से बढ़ा हैI अतः श्वान पालकों को अपने श्वान की उचित देखभाल के साथ ही टीकाकरण की भी सम्पूर्ण जानकारी होना चाहिएI श्वानों में कई बीमारियां होती हैं जो कि उनके लिए जानलेवा हो सकती हैंI सौभाग्य से इन बीमारियों से बचाव हेतु टीके उपलब्ध हैंI
श्वानों की टीकाकरण सारणी इस प्रकार है:
क्र | बीमारी का नाम | प्राथमिक डोज़ | बूस्टर डोज़ | सलाह |
1 | डिस्टेंपर | 30 दिन की उम्र पर | प्रथम डोज़ के 4 सप्ताह बाद एवं प्रतिवर्ष | पशु चिकित्सक की सलाह पर लगवा सकते हैं |
2 | पार्वो वायरस | 30 दिन की उम्र पर | प्रथम डोज़ के 4 सप्ताह बाद एवं प्रतिवर्ष | पशु चिकित्सक की सलाह पर लगवा सकते हैं |
3 | एडिनो वायरस , पेरा- इन्फ़ुएन्ज़ा वायरस | 45-60 दिन की उम्र पर | प्रथम डोज़ के 4 सप्ताह बाद एवं प्रतिवर्ष | पशु चिकित्सक की सलाह पर लगवा सकते हैं |
4 | कोरोना वायरस | 45-60दिन की उम्र पर | प्रथम डोज़ के 4 सप्ताह बाद एवं प्रतिवर्ष | पशु चिकित्सक की सलाह पर लगवा सकते हैं |
5 | लेप्टोस्पायरोसिस | 60 दिन की उम्र पर | प्रथम डोज़ के 4 सप्ताह बाद एवं प्रतिवर्ष | पशु चिकित्सक की सलाह पर लगवा सकते हैं |
6 | रेबीज | 90 दिन उम्र पर | प्रथम डोज़ के 4 सप्ताह बाद एवं प्रतिवर्ष | बहुत ज्यादा बीमारी वाले क्षेत्रों में प्रति 6 महीने में |
7 | जियार्डिया | 60 दिन या ऊपर की उम्र पर | प्रथम डोज़ के 4 सप्ताह बाद एवं प्रति 6 माह बाद | यह नया टीका है अतः पशु चिकित्सक की सलाह पर लगवा सकते हैं |
कई बार बाहर के श्वान हमारे पालतू श्वानों को काट लेते हैं इस स्थिति में पालतू श्वानों को रेबीज होने का खतरा बढ़ जाता है I अतः इस स्थिति में रेबीज़ से बचाव हेतु पोस्ट बाईट एंटी रेबीज़ टीकाकरण किया जाता है जिसकी समय सारिणी इस प्रकार है:
टीका | पहला डोज़ | दूसरा डोज़ | तीसरा डोज़ | चौथा डोज़ | पांचवा डोज़ | छठवा डोज़ |
एंटी रेबीज | 0 दिन पर (जिस दिन डॉग बाइट हुआ है) | 3 रे दिन | 7 वे दिन | 14 वे दिन | 28 वे दिन | 90 वे दिन |
आजकल उपरोक्त टीके मल्टी वेलेंट डोज़ के रूप में जैसे 6 इन 1, 7 इन 1, 8 इन 1, 9 इन 1, 10 इन 1 एवं 12 इन 1 रूप में उपलब्ध हैं जोकि पशु चिकित्सक की सलाह पर लगवाए जा सकते हैं I
टीकाकरण से पूर्व सावधानियां
- टीकाकरण से पूर्व पशु चिकित्सक की सलाह पर श्वान का क्रमिनाशन अवश्य करवा देना चाहिएI
- टीकाकरण के समय पशु चिकित्सक से अपने श्वान का स्वास्थ्य परीक्षण अवश्य करवा लेना चाहिएI
- टीका लगने के समय श्वान पूर्ण रूप से स्वस्थ होना चाहिएI
- कुछ टीके गर्भधारित श्वान हेतु नुकसान दायक हो सकते हैं अतः टीकाकरण से पूर्व पशु चिकित्सक से परामर्श अवश्य लेंI