संक्रामक कैनाइन हेपेटाइटिस
संक्रामक कैनाइन हेपेटाइटिस एक बहुत ही गंभीर बीमारी है, जो एक अत्यधिक संक्रामक वीषाणु के कारण होता है| यह मुख्यत: यकृत को प्रभावित करता है।
कारक: संक्रामक कैनाइन हेपेटाइटिस कैनाइन एडेनोवायरस टाइप 1 के कारण होता है, जो कि कैनाइन एडेनोवायरस टाइप 2 से संबंधित एक वायरस है| एक वर्ष से कम आयु के कुत्ते सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। हालांकि, जिन श्वानों को टीका नहीं लगाया गया है या प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है, वे भी अतिसंवेदनशील हैं।
संचरण: यह वीषाणु संक्रमित श्वान के मल, मूत्र, रक्त, लार और नाक के स्राव मे निकलता है, और दूषित वायु या आहार के माध्यम से दूसरे श्वानों मे फैलता हैं|
लक्षण:
- बुखार
- सुस्ती
- दस्त
- उल्टी
- यकृत रोग के लक्षण, जैसे कि पीलिया
- पेट में दर्द
- यकृत रोग के परिणामस्वरूप मृत्यु भी हो सकती है।
- आँख मे नीलापन और किडनी की क्षति नैदानिक प्रकरण से उबरने के बाद तक बनी रह सकती है।
उपचार: इस रोग का कोई प्रभावी उपचार नही है किन्तु सकेतिक लक्षणो के अनुरूप उपचार व सहायक देखभाल लाफदायक होता हैं|
बचाव
- इसके बचाव का सबसे अच्छा उपाय टीकाकरण है।
- समय समय पर पशु चिकित्सक श्वान की जांच करवाए|